

राज भारत न्यूज़ / छत्तीसगढ़ / 25 अगस्त 2024 / रविवार / बिलासपुर :- रेल्वे स्टेशन में अब लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस करने लगे है जिसकी मुख्य वजह है रेल विभाग के पुलिस का अपने जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ना व नौकरी के प्रति लापरवाही है। ज्ञात हो कि रेल्वे स्टेशन के अंदर दो थाने है एक आरपीएफ थाना व दूसरा जीआरपी थाना आरपीएफ जो कि रेल विभाग के सीधे अधीनस्थ होकर रेल्वे की संपत्ति व स्टेशन के जिम्मेदारी संभालती है इसलिए इसे रेल्वे सुरक्षा बल भी कहा जाता है वही दूसरा थाना जीआरपी थाना होता है जो की राज्य सरकार के अधीनस्थ होकर रेल्वे स्टेशन में घटित अपराध पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करती है इसलिए इसे गवर्मेन्ट रेल्वे पुलिस कहा जाता है। लेकिन रेल्वे स्टेशन स्थित इन दोनों थानों की लापरवाही अब उजागर होने लगी है जिसका उदाहरण एक दिन पूर्व देखने को मिली है।
घटना अनुसार 22 अगस्त की रात गनियारी निवासी संतोष कुमार पांडे अपने रिश्तेदारों को छोड़ने बिलासपुर रेल्वे स्टेशन गया हुआ था तेज बारिश होने की वजह से वह अपनी मोटरसाइकिल वाहन क्रमांक CG – 10 BN – 1102 होंडा डीलक्स को रेल्वे सुरक्षा बल आरपीएफ कार्यालय गेट के अंदर रख दिया और रेल्वे स्टेशन के अंदर चला गया व रात्रि अधिक होने के कारण रात स्टेशन में ही रुक गया था। जब वह सुबह 4 बजे अपनी मोटरसाइकिल लेने पहुँचा तो देखा मोटरसाइकिल उस स्थान पर नही था परेशान युवक आसपास क्षेत्र में अपनी मोटरसाइकिल ढूँढने लगा लेकिन उसे अपनी मोटरसाइकिल कहीं नही मिली तब वह आरपीएफ थाना जाकर घटना की जानकारी दिया व सीसी टीवी फुटेज देखने निवेदन किया। आरपीएफ ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो देखा एक अज्ञात युवक काला पेंट व सफेद रंग की कमीज पहने हुए था जिसका कद छोटा था वह प्रार्थी युवक की मोटरसाइकिल को आरपीएफ गेट से बाहर निकाल कर ले जा रहा है।
घटना के पश्चात वह युवक आरपीएफ थाना में रिपोर्ट दर्ज कर वाहन ढूँढवाने गुहार लगाने लगा लेकिन आरपीएफ थाना में किसी ने उसकी एक नही सुनी जिसके बाद युवक जीआरपी थाने के प्रभारी श्री मिश्रा से मिलकर घटना की जानकारी दिया जिसपर प्रभारी ने भी घटना की रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया व दोनों थाने आरपीएफ व जीआरपी के प्रभारी युवक से यह कहकर किनारा कर लिया कि घटना स्थल तोरवा थाने के अंतर्गत आता है परेशान युवक अंततः जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँच गया जहाँ से उसे तोरवा थाना भेजकर आवेदन देने निर्देशित किया गया।
नियम अनुसार घटना अगर रेल्वे स्टेशन के अंदर होती है या फिर रेल्वे स्टेशन से लगे स्थानों में होती है तो उसपर कार्यवाही आरपीएफ और जीआरपी मिलकर करेंगे लेकिन नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए दोनों थानों के प्रभारियों ने थाने के अंदर बाउंड्री से चोरी गई वाहन पर भी रिपोर्ट लिखने राजी नही हुए वही उनके ही थाने के गेट से चोरी हो जाना भी उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी पर सवाल उठता है इससे समझ आता है चोरों को अब रेल्वे पुलिस से भय नही रहा। फिलहाल प्रार्थी ने थाना तोरवा में रिपोर्ट दर्ज करने आवेदन दे दिया है अब देखना यह है कि तोरवा थाना इस घटना पर क्या करती है।