

राज भारत न्यूज़ / छत्तीसगढ़ / 12 सितंबर 2023 / सिरगिट्टी सहित रेलवे स्टेशन पार के नागरिकों ने क्षेत्र की जरजर सड़कों से परेशान होकर रेल्वे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन कर दिया है जिसके प्रथम कड़ी में चाँद मारी स्थिति शारदा मंदिर चौक में हस्ताक्षर अभियान चला कर हजारों लोगों का समर्थन एकत्रित करते हुए आज मंगलवार को रेल विभाग के मंडल कार्यालय का नागरिकों ने घेराव कर दिया। तपती धूप के गर्म सड़कों में बैठकर आंदोलन कारियों में रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी माँगों के लिए आवाज उठाये है।

आंदोलन कारियों के अनुसार रेल्वे स्टेशन के पीछे गजरा चौक से लेकर शारदा मंदिर तक की सुदंर सड़कों को रेल विभाग ने अपने निर्माण कार्य के लिए क्षमता से अधिक वजन वाले बड़े वाहनों को चलाकर खराब कर दिया है जिसकी । उक्त सड़को से होते हुए वार्ड 12 सिरगिट्टी क्षेत्र के निवासियों सहित अन्य कई गाँवो के नागरिकों का आवागमन निरंतर जारी रहता है। सड़को में बड़े बड़े गढ्ढो के हो जाने से छोटे वाहन और पैदल चलने वालों के लिए खतरा बना हुआ है जिससे कभी भी कोई भी दुर्घटना घट सकती है। कई बार रेल विभाग के अधिकारियों को इन समस्याओं से अवगत कराने के पश्चात भी अधिकारियों के कानों में जूं तक नही रेंगती है और समस्याओं के प्रति उनकी उदासीनता बरकरार रहती है। जिससे खफा होकर नागरिकों ने आंदोलन कर मंडल रेल प्रबंधक के नाम ज्ञापन सौंपा है।
● अंततः आंदोलनकारियों की जीत हुई
सिरगिट्टी के नागरिकों ने अपने धृण निश्चय और कठोर आंदोलन से अंततः रेल अधिकारियों को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। आंदोलनकारियों के सभी माँगों को स्वीकारते हुए रेल अधिकारियों ने गजरा चौक से लेकर कोरमी सड़क पर एक किलोमीटर तक सुंदर सड़क, नाली व स्ट्रीट लाईट लगाने हरी झंडी दे दिया है।

● नेताओं से अब परहेज करने लगे है सिरगिट्टी के नागरिक
सिरगिट्टी के नागरिक अब स्वयं के बल पर इतिहास रचने में लगे हुए है, यहाँ के वासिंदे अब सिरगिट्टी की समस्याओं के लिए सरकार से दो दो हाँथ करने को तैयार दिखाई देते है फिर वो चाहे तारबाहर अंडर ग्राउण्ड ब्रिज का मामला हो या फिर दुर्घटना और सड़कों के विकास का मामला हो, नागरिक अपने आंदोलन में किसी भी पार्टी के नेताओं के सम्मिलित होने पर प्रतिबंध लगा देते है स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इनके साथ एक आम नागरिक की तरह आंदोलन में नजर आते है। सिरगिट्टी की खासियत यह है कि यहाँ के लोग एक छोर से दूसरे छोर तक एक दूसरे को भलीभाँति पहचानते है और इस वजह से यहाँ के नागरिकों में एकता बनी हुई है वही सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से चोट खाये नागरिक अब नेताओं को दरकिनार कर आंदोलन से सफलता हासिल करते है।