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पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का मीडिया प्रभारी आया मीडिया के रडार में,बुजुर्ग गार्ड को धमकाना पड़ा महँगा दर्ज हुई एफआईआर

छत्तीसगढ़ / 17 अप्रैल 2023 / बिलासपुर :- भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के मीडिया प्रभारी दस्तगीर भाभा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वह मीडिया के रडार में चढ़ गया लगातार उसके खिलाफ खबरे प्रकाशित होने के बाद अब पार्टी के लोग भी दबी जुबान से पूर्व मंत्री के लिए इसे हानिकारक बताने लगे है।

घटना कुम्हार पारा क्षेत्र के रवि हाइट्स कालोनी की है जहाँ अमर अग्रवाल का मीडिया प्रभारी दस्तगीर भाभा स्वयं निवासरत है उसी कालोनी में 65 वर्षीय बुजुर्ग सुख मसीह सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करता है। 13 अप्रैल की रात जब गार्ड सुख मसीह ड्यूटी पर था तभी दस्तगीर भाभा अपने कार पर सवार कालोनी पहुँचा और गेट के समीप पहुँच कर लगातार कार का हॉर्न बजाने लगा जिसे सुनकर बुजुर्ग गार्ड दौड़ता हुआ आया व गेट खोल दिया तभी कार थोड़ी आगे बढ़ाकर दस्तगीर भाभा कार से उतरकर सीधे सामने खड़े बुजुर्ग गार्ड के साथ हाथापाई कर गंदी गंदी गाली गलौच करने लगा इससे पहले उसे कुछ समझ आता वह उसके प्रताड़ना का शिकार हो चुका था अंततः दुखी बुजुर्ग गार्ड घटना की शिकायत पुलिस से कर दी वही पुलिस ने मामले पर दस्तगीर भाभा उर्फ लाला के खिलाफ एफआईआर करते हुए आईपीसी की धारा 294,323,506 के तहत कार्यवाही कर दिया है।

16 अप्रैल रविवार को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने होटल ग्रैंड अम्बा में अपना प्रेस वार्ता रखा जिसकी जानकारी भी घटना के आरोपी व मीडिया प्रभारी दस्तगीर भाभा ने शहर के पत्रकारों को दिया था वही जब प्रेस वार्ता खत्म होने के बाद मीडिया के लोग मीडिया प्रभारी दस्तगीर भाभा से घटना की सही जानकारी माँगी तो वह मामले पर एफआईआर न होकर समझौता होने की गलत जानकारी पत्रकारों को दे दिया संदेह वश पत्रकारों ने बुजुर्ग गार्ड के शिकायत की जानकारी पुलिस से माँगी तो पता चला मामले पर एफआईआर होकर आईपीसी की धारा के तहत कार्यवाही भी हो गई है।

पत्रकारो को झूठी जानकारी देकर गुमराह करना पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के मीडिया प्रभारी को महँगा पड़ा और वह पत्रकारो के रडार में आ गया जिससे तत्काल पत्रकारों ने उसे खबर बनाकर वायरल करना शुरू कर दिया। सूत्र बताते है कि घटना के शिकायत कर्ता सुख मसीह से मामले पर समझौते की कोशिश की जा रही है लेकिन गुजुर्ग गार्ड घटना को लेकर इतना ज्यादा क्षुब्ध है कि वह समझौते के पेशकश को ठुकरा दिया है।

पार्टी के लोग भी दबी जुबान से घटना पर चर्चा शुरू कर कहने लगे है कि चुनावी वर्ष होने से इस प्रकार की घटना पार्टी प्रत्याशी को हानि पहुँचा सकती है। अब देखना यह है कि प्रेस वार्ता में अपनी गल्ती स्वीकारने वाले पूर्व मंत्री अपने मीडिया प्रभारी की गल्तियों पर पर्दा डालते है या उसके खिलाफ कोई उचित कदम उठाते है।

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