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छत्तीसगढ़ में काँग्रेस की जीती हुई विधानसभा सीटों से भी वर्तमान विधायक को छोड़ अन्य काँग्रेस नेताओं की दावेदारी महँगी पड़ सकती है विधानसभा चुनाव में

राज भारत न्यूज़ / छत्तीसगढ़ / 19 अगस्त 2023 / बिलासपुर :- राज्य में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव है। छत्तीसगढ़ राज्य में इन दिनों काँग्रेस व भाजपा दोनों के नेताओं ने विधानसभा टिकट के लिए कमर कस लिया है वही काँग्रेस की पाली शुरू हो गई है। वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़िया तर्ज पर सरकार चलाकर राज्य की जनताओं का दिल जीत लिया है जिसे देखते हुए सभी यह कयास लगा रहे है राज्य में पुनः काँग्रेस पार्टी की सरकार बन जाएगी जिसे देखते हुए काँग्रेस पार्टी के नेताओं ने टिकट के लिए उथल पुथल शुरू कर दिया है।

ज्ञात हो कि 2018 के विधानसभा चुनाव में काँग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियों ने पूरे 90 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे थे परिणाम आने पर काँग्रेस को 68 सीटों पर विजय प्राप्त हुआ वही भारतीय जनता पार्टी 15 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है। छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष राज करने वाले भाजपा को जनता ने सिर्फ 15 सीटों पर सिमटा दिया और एक बार काँग्रेस को सरकार चलाने का मौका दे दिया है । यह बात सर्वविदित है कि काँग्रेस में आपसी कलह बहुत अधिक है लेकिन यह कलह अब आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा मुँह ले सकती है जिसकी शुरुआत अभी से हो गई है। बता दें जहाँ जहाँ काँग्रेस को जीत हासिल हुई है वहाँ वहाँ अब उसी पार्टी के अन्य नेता भी दावेदारी में उतर गए है। पार्टी की एकता को खंडित करने का यह प्रयास प्रत्याशियों को भारी पड़ सकता है क्योंकि जब इन्हें टिकट नही मिलेगा तो ये लोग चुनाव में भीतर घात करेंगे जिससे काँग्रेस को जीत हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी अध्यक्ष को इसपर विशेष रूप से ध्यान देते हुए जहाँ जीत हासिल हुई है वहाँ पर अनुशासन का अंकुश लगाते हुए टिकट की दावेदारी पर पाबंदी लगानी चाहिए वर्ना परिणाम नकारात्मक भी हो सकता है।

राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रहे भारतीय जनता पार्टी ने बिना विवाद के पहली सूची जारी कर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और जिन विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी घोषित किया गया है वहाँ अभी तक किसी प्रकार के बगावत की जानकारी नही मिली है। इससे यह समझ आता है कि भारतीय जनता पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में कमर कस कर तैयार खड़ी है क्योंकि 15 वर्ष सत्ता भोग करने के पश्चात हाँथ से साम्राज्य का जाना राज नेताओं की पीड़ा बनी हुई जिसका दर्द वही जानते है।

● बिलासपुर विधानसभा टिकट की अजीब कहानी ●

पूरी छत्तीसगढ़ में दो ही जिला बहुत महत्वपूर्ण है रायपुर राजधानी व बिलासपुर न्यायधानी वही विधानसभा चुनाव में बिलासपुर का परिणाम जानने दिल्ली तक लोग उत्सुक रहते है उस बिलासपुर विधानसभा में वर्षों से विधायक रहे भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अमर अग्रवाल को शिक्षा जगत से राजनीति में प्रवेश किये काँग्रेस के डॉ. शैलेष पांडे ने शिकस्त दे दिया जो किसी अचंभित परिणाम से कम नही था। आज वर्तमान में उसी बिलासपुर विधानसभा से कॉंग्रेस की श्वेत महिला नेत्री व पूर्व राज्यसभा सदस्य इंग्रिड मैक्लॉउड भी टिकट की दावेदारी कर रही है जिसके पति रॉडनी मैक्लॉउड काँग्रेस के विरोध में बहुजन समाज पार्टी से टिकट माँगा है इससे समझ आता है इंग्रिड मैक्लॉउड के स्वयं के परिवार में काँग्रेस का वोट नही है। जिस पार्टी ने पार्षद से महापौर बनाया उस पार्टी के विधायक का विरोध कर टिकट माँग रहे है रामशरण यादव, वही अन्य कॉंग्रेस नेताओं ने भी बिलासपुर विधानसभा से टिकट की माँग किये है जो कि सोच से परे है क्योंकि अमर अग्रवाल के खिलाफ जिस दौर में कोई लड़कर जीत नही सकता था उस दौर में शैलेष पांडे ने अपने व्यवहार के बूते पर विधानसभा चुनाव जीता था जिसे आज भी बिलासपुर की जनता पसंद करती है।

बहरहाल परिस्थिति जो भी हो अगर ऐसे दावेदारियों पर अंकुश नही लगा तो काँग्रेस को 2023 का विधानसभा चुनाव महँगा पड़ सकता है।

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