
राज भारत न्यूज़ / छत्तीसगढ़ / 12 अप्रैल 2024 / शुक्रवार / बिलासपुर :- एनसीईआरटी की पुस्तकें प्राईवेट स्कूल में लागू करने की मांग को लेकर आज शुक्रवार को युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष अंकित पाल ने अपने साथियों के साथ जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि बिलासपुर जिले से प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू नहीं किया जा रहा है। जबकि केंद्र सरकार के द्वारा आदेश में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों मे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के पुस्तक लागू होना चाहिए। प्राइवेट स्कूलों में पुस्तकों की कीमत 9000 से 10000 तक है जबकि एनसीईआरटी की पुस्तकों की प्रति कीमत ₹65 से ₹70 के बीच है। सरकार का उद्देश्य है कि सामान्य एवं गरीब परिवार पुस्तक को खरीद सके लेकिन बुक डिपो की मनमानी के चलते भारी परेशानियों का सामना अभिभावको करना पड़ रहा है प्रतेक वर्ष 40 से 50% कॉपी और किताब का दाम बढ़ता जा रहा है। अभिभावको को प्रत्येक बच्चे कि पीछे 9000से ₹10000 का कि कॉपी पुस्तकें और स्टेशनरी सामान खरीदने पड़ती है किसी के दो से तीन बच्चे हैं तो 20,000 से 30,000 की खर्च हो रही हैं। अंकित पाल ने कहा कि शहर की चार बड़े बुक डिपो में जीएसटी का पक्का बिल भी नहीं दिया जा रहा है कच्ची पर्ची में भी जीएसटी की चोरी की जा रही है और प्राइवेट स्कूलों में किताबे सप्लाई की जा रही हैं। युवा नेता अंकित पाल ने प्राइवेट स्कूल के मनमानी रवय्ये पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जीएसटी कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा है इस अवसर पर मुख्य रुप से हितेश साहू, सन्नी कौशिक, मुकेश वर्मा, गोकुल ध्रुव एवम् अन्य युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित थे।।
बता दें कि प्रत्येक वर्ष प्राईवेट स्कूलों की किताबों में व्यापारियों को इतना मुनाफा होता है कि वे पूरे साल भर किताब न भी बेचें तो उन्हें कोई घाटा नही होगी साथ ही प्राईवेट स्कूलों के प्रबंधकों से उपहार वाले संबंध स्थापित कर किताबों के विक्रय पर मनोपली चला रहे है जिससे मजबूर होकर पालकों को उन्हीं दुकानों से किताब खरीदना होता है जहाँ स्कूल संचालक कहते है फिलहाल अब इनके खिलाफ अब युवा मोर्चा ने मोर्चा खोला है जिसका कोई सार्थक परिणाम सामने आ सकता है ।