
राज भारत न्यूज / छत्तीसगढ़ / 29 जुलाई 2023 / बिलासपुर :- अचानक से आई आँखों की बीमारी आई फ्लू की चपेट में आने से बच्चों से लेकर बड़े तक परेशान है, वही इस बीमारी से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है। आई फ्लू की वजह से बच्चों को कोई चीज ठीक से दिखाई नही पड़ रहा है जिससे उन्हों पढ़ाई करने में तकलीफ हो रही है साथ ही स्कूल में यह बीमारी बच्चों को एक दूसरे को छूने की वजह से तेजी से फैलता जा रहा है। बारिश और बाढ़ के बीच मौसम जनित बीमारियों ने घेर लिया है. दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ और अन्य तमाम राज्यों में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों के अस्पतालों में पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है. एक्सपर्ट का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में बड़ी संख्या में लोग इस रोग से प्रभावित होते हैं. यह रोग 1-2 सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है. यह किसी को देखने से नहीं बल्कि छूने से फैलता है। इस बीमारी से बचना है तो बारिश में न भीगें साथ ही दूसरे से दो फिट की दूरी बनाए रखें साथ ही आँखों को ठंडे पानी से लगातार धोते रहे और डॉक्टर से परामर्श लेकर आई ड्राप का उपयोग करें ।
“दिल्ली में बारिश और बाढ़ का कहर है. इस बीच, आई फ्लू (Eye Flu) की दस्तक ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बीमार कर दिया है. छत्तीसगढ़ भी इस संक्रमण की बीमारी से अछूता नहीं है. वहां आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि होने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शुक्रवार को शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि आई फ्लू से संक्रमित बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए ताकि आगे इसके प्रसार को रोका जा सके।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि राज्य में ‘आई फ्लू’ के 19,873 मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य में आई फ्लू से पीड़ित के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं. संक्रमण से पीड़ित लोग तीन से सात दिन में ठीक हो रहे हैं. बच्चों में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों की बढ़ती संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, स्कूल बंद नहीं किए जाएंगे क्योंकि इससे पढ़ाई प्रभावित होगी. संक्रमण वाले बच्चों को स्कूल ना आने के लिए कहा जा रहा है.
● यह हुआ आदेश
सिंह देव ने कहा, लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संयुक्त निदेशकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को आई फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के संबंध में आदेश जारी किया है. जिन बच्चों को आई फ्लू है, उन्हें स्कूल ना आने के लिए कहा गया है. अधिकारियों से कहा गया है कि वे भी अगर आई फ्लू की चपेट में है तो स्कूल ना जाये।